नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपके अपने ब्लॉग पर। आज हम चर्चा करेंगे एक बेहद दिलचस्प और विचारोत्तेजक किताब नेक्सस पर। यह पुस्तक प्रसिद्ध लेखक युवाल नोह् हरारी की नई रचना है। यदि आपने उनकी पहले की किताबें, सेपियंस और होमो डेस पढ़ी हैं, तो आप उनके इतिहास और भविष्य को जोड़ने के अनूठे तरीके से परिचित होंगे। हरारी की हर किताब हमें सोचने का एक नया नजरिया देती है।
नेक्सस तीन मुख्य हिस्सों में बंटी हुई है:
- ह्यूमन नेटवर्क
- इनऑर्गेनिक नेटवर्क
- कंप्यूटर पॉलिटिक्स
आइए, इस सफर की शुरुआत पहले हिस्से से करते हैं।
ह्यूमन नेटवर्क: चेर अमी की कहानी
यह भाग हमें सूचना के महत्व और मानव नेटवर्क के अनोखे पहलुओं को समझाता है। शुरुआत होती है चेर अमी नाम के एक कबूतर की सच्ची कहानी से। यह 1918 की बात है, जब अमेरिकी सेना फ्रांस को जर्मन सेना से मुक्त कराने के लिए लड़ रही थी। लगभग 500 सैनिक जर्मन लाइन्स के पीछे फंसे हुए थे। अमेरिकी आर्टिलरी का हमला उन्हीं के सैनिकों पर गिर रहा था।
उनकी स्थिति इतनी विकट थी कि कमांडर ने अपने आखिरी संदेश के लिए चेर अमी नाम के कबूतर का सहारा लिया। संदेश में लिखा था, "हमारी आर्टिलरी हमारे ऊपर गिर रही है, इसे रोको!" चेर अमी ने गोलियों के बीच से उड़ान भरते हुए 45 किलोमीटर दूर मुख्यालय तक संदेश पहुंचा दिया। इस साहसिक प्रयास से सैकड़ों सैनिकों की जान बच गई।
यह कहानी हमें बताती है कि सही समय पर सूचना का कितना बड़ा प्रभाव हो सकता है। इसी विचार से हरारी मानव इतिहास में फिक्शन और फैंटेसी की भूमिका पर चर्चा करते हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह राजनीतिक और सामाजिक नेटवर्क, जैसे नाजी जर्मनी और स्टालिन का साम्राज्य, सूचना के नियंत्रण और प्रचार से बने और ढहे।
इनऑर्गेनिक नेटवर्क: एआई की ताकत और खतरे
दूसरे भाग में लेखक ने इनऑर्गेनिक नेटवर्क और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर प्रकाश डाला है। आज AI सूचना के सबसे बड़े स्रोत के रूप में उभरा है। AI की प्रोसेसिंग क्षमता इंसानी दिमाग से कहीं अधिक तेज है। लेकिन इसके साथ सवाल उठता है:
- क्या AI हमारे नियंत्रण से बाहर हो सकता है?
- क्या यह किसी तानाशाही शासन का आधार बन सकता है?
हरारी ने NSA के स्काईनेट प्रोग्राम का उदाहरण दिया, जो पाकिस्तान के मोबाइल नेटवर्क की निगरानी के लिए इस्तेमाल किया गया था। AI ने कॉल रिकॉर्ड, यात्रा पैटर्न और व्यवहारिक जानकारी का विश्लेषण कर संदिग्ध आतंकवादियों की पहचान की। हालांकि, कई बार मासूम लोग भी गलत तरीके से आतंकवादी घोषित कर दिए गए।
AI के चुनावों में दखल पर भी चर्चा की गई। 2020 के अमेरिकी चुनावों में एल्गोरिदम ने सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाकर लोगों की सोच और मतदान पैटर्न को प्रभावित किया।
कंप्यूटर पॉलिटिक्स: इंसान बनाम एल्गोरिदम
किताब का तीसरा और सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा है कंप्यूटर पॉलिटिक्स। हरारी बताते हैं कि कैसे कंप्यूटर एल्गोरिदम और AI हमारे राजनीतिक, सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में गहराई तक पैठ बना चुके हैं।
हरारी ने चीन के सोशल क्रेडिट सिस्टम का उदाहरण दिया, जहां नागरिकों के व्यवहार के आधार पर उन्हें क्रेडिट पॉइंट्स दिए जाते हैं। जिनके पॉइंट्स कम होते हैं, उन्हें सरकारी सेवाओं से वंचित किया जाता है। यह सिस्टम इस बात का संकेत देता है कि भविष्य में AI हमारे हर फैसले पर निगरानी कर सकता है।
हरारी की चेतावनी: AI का सही उपयोग या खतरा?
नेक्सस हमें एक स्पष्ट संदेश देती है: नई तकनीकों का सतर्कता से उपयोग करें। जहां AI हमारी जिंदगी को आसान बना रहा है, वहीं यह हमारे लिए खतरा भी बन सकता है।
यह किताब हमें सोचने पर मजबूर करती है कि भविष्य में AI हमारे नियंत्रण में रहेगा या हम AI के नियंत्रण में। यह एक ऐसा विषय है, जिस पर हमें गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
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